# GreenLungs
पर्यावरण, पर्यावरण संरक्षण जैसे शब्दों से मेरा, आपका और बाकि लोगों का नाता भले ही कुछ दशकों का हो किन्तु यह मौजूद था आदमी के पहले से। ( पर्यावरण क्या है और क्यों जरुरी है इसके लिए निचे विकिपीडिया का लिंक दिया गया है , आप सभी पढ़े ) पर्यावरण संरक्षण आज के समय की मांग है। प्रकृति ने सब कुछ अपने नियत समय पे उचित जगह पे स्थापित कर रखा था और यह प्रयास निरंतर जारी है वो तो आदमी के लालच और नई सोच ने विकाश के नाम पर प्रकृति से खेलवाड़ करना शुरू किया और सारे पारिस्थिकी तंत्र को चौपट कर दिया है, पर्यावरण आदमी के लिए जरुरी है यह जानकारी होने के बाद लोगों को पेड़-पौधे लगाने का सलाह दिया जाने लगा और इस सलाह को न मानने की पूरी छूट भी दी गयी। बढ़ते प्रदुषण और वनों की अंधाधुंध कटाई ने लोगों को एहसास दिलाया की जो हो रहा है वह सही नहीं है। पिछले कुछ महीनो में ऑक्सीजन की महत्ता को अनपढ़ और अनजान लोगों तक पंहुचा दिया है , इन समस्याओं से बचने के कई उपाय है और हम-आप जैसे लोगों के लिए सबसे सरल उपाय है पेड़ लगाना, वृक्षारोपण करना। हम नए युग के लोगों के लिए ये एक नया अनुभव हो सकता है किन्तु भारत जैसे देश के ग्रामीण हमारे पूर्वजों ने वृक्षों से दोस्ती करना बहुत पहले सीख लिया था। घर के एक हिस्से में घेवारी ( बगिया ) लगाना वे कभी नहीं भूलते थे. गांव का चौपाल अक्सर पीपल, नीम और बरगद जैसे पेड़ों के निचे ही लगता था ( अभी भी कई गांव ऐसे ही मिलेंगे ) मंदिरों में फूलों की तरह-तरह की किस्मे लगे रहते थे और हैं भी। खैर ज्यादातर फलदार वृक्षों जैसे की आम, अमरुद, निम्बू, शरीफा (सीताफल ), अमला , जामुन,महुआ , कटहल आदि आदि पेड़ लगाए जाते थे जो क्षेत्रवार बदल दिए जाते थे। इधर कुछ वर्षों में लकड़ी के लिए प्रसिद्द पेड़ों की रोपाई खेतों में की जाने लगी है जैसे शीशम , सागवान , लिप्टस , महोगनी इत्यादि। विद्यालय और सरकारी परिसरों में अशोक, नारियल जैसे शो प्लांट लगाए जाते है। शहरों में जागरूक परिवार गांव की तरह तुलसी भले न लगा पाते हों किन्तु एलोवेरा, बोन्साई ,स्नेकपलांट , मनीप्लान्ट आदि लगाना नहीं भूलते हैं। ये सब लिखने से मेरा तात्पर्य है आपको याद दिलाना की हमलोग पेड़ पौधों से काफी गहरे ढंग से जुड़े हुए है। प्रकृति से नाता पुराना है किन्तु नयी पीढ़ी इनसे थोड़ा दूर जाते प्रतीत होती है। देशभर में वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए समय समय पर कार्यक्रम/सेमीनार आयोजित है , बहुत से गैर सरकारी संस्थान भी लोगों में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास कर रही है। लोग स्वयं भी अब आगे आ रहे हैं और अपने आसपास खाली जगह देखकर पेड़ लगाने का प्रयास करते हैं , शहरों और कई गांवों में व्यावसायिक नर्सरी इस बात की बानगी प्रस्तुत करता है। स्कूलों में बच्चों को यह सब क्यों जरुरी है यह पढ़ने के लिए किताबों में पाठ रखे गए हैं।
रजौली में मेरा घर |
रजौली का देवी मंदिर : आँगन में पेड़ |
8 साल पुरानी फोटो : छत पर गमले |
एक गांव में हरियाली |
मेरा भी पौधों से काफी लगाव रहा है , कुछ तो पारिवारिक पृस्ठभूमि और बचपन के दिनों की देन है और कुछ स्कूल के पर्यावरण पाठ के साथ मौजूदा हालत की देन है। जहाँ भी रहा हूँ अलग अलग तरह के वृक्षों को लगाते रहा हूँ और देखभाल भी सपरिवार करता रहा हूँ। दोस्तों के बीच इस सम्बन्ध में बातचीत होती रही है और दोस्त भी पेड़ों के महत्त्व देने में पीछे नहीं रहे। फलदार पौधे घर के आसपास लगाने का प्रयास हमलोग हर साल करते आये है और कुछ पौधों को नए दोस्तों को देते रहे है। फूल वगरैह तो माँ ही आसपास में बाट देती है और वे अपना सुगंध एक घर से दूसरे घर में पहुंचाते जाते हैं। छत पर बागवानी बढ़िया कांसेप्ट है और हमारे आसपास सभी महिलाये अपने घरों के छत पर थोड़ा जगह तो गमलों के लिए देती ही है। संयोगवश प्रयोग करने के लिए दश -बारह साल पहले एक घर का खाली हिस्सा मिला और कई पेड़-पौधों से हरियाली भरी हुई बरसात हम हर साल देखते हैं इधर २-३ से सरकारी नर्सरी से हम कुछ नए पौधे भी ले आते हैं जो की वहां १० रूपये में मील जाया करता है। आसपास के दोस्तों में कुछ बाटा जाता है और कुछ अपने घर में। इसी क्रम में मैंने और रोहित ने इसे एक अभियान बनाने का सोचा नाम दिया गया #GreenLungs - सोशल मीडिया पर इसी नाम से हैंडल है मकसद केवल इतना है की हमारे ही तरह और लोग अपने आसपास पौधों को लगाए और बढ़िया से देखभाल करे। देशभर में लोग वृक्ष लगाने का प्रयास कर रहे है और सफल भी
पिछले साल : #GreenLungs के लिए पौधे लेते हुए |
वन विभाग कार्यालय रजौली |
आज का पौधरोपण |
तो आईये मित्रों, जुड़े रहिये प्रकृति से और अपने अभियान से।
( इधर कुछ दिनों से व्यस्तता के कारण ब्लॉग पे नियमित नहीं था, किन्तु आशा करता हूँ आप सबको आज का यह ब्लॉग पढ़ने में आनंद आया होगा। )
आभार
प्रशांत
- https://www.facebook.com/greenlungsmovement/videos/what-is-greenlungs-movement-a-message-to-all-nature-lovers-by-prashantgreenlungs/746743025986245/
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A3